Consult an Expert
Business Setup
Prefer to talk to a business advisor first?
Book a call backTax & Compliance
Prefer to talk to a business advisor first?
Book a call backTrademark & IP
Prefer to talk to a business advisor first?
Book a call backDocumentation
Prefer to talk to a business advisor first?
Book a call backOthers
Prefer to talk to a business advisor first?
Book a call backConsult an Expert
Business Setup
Tax & Compliance
Trademark & IP
Documentation
Others
More
Consult an Expert
Business Setup
International Business Setup
Company Name Search
Licenses & Registrations
Web Development
Tax & Compliance
GST and Other Indirect Tax
Changes in Pvt Ltd Company
Changes In Limited Liability Partnership
Mandatory Annual Filings
Labour Compliance
Accounting & Tax
Trademark & IP
Trademark
Design Registration
Documentation
Free Legal Documents
Business Contracts
Personal & Family
Notices
HR Policies
Others
Calculator
NGO Registration
NGO Compliance
Licenses & Registrations
Name Change & Other Conditiions
File an e-FIR
Marriage
File a Consumer Complaint
Lawyer Services
Login
सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) व्यापार संगठन का एक स्वरूप है, जिसमें प्रत्येक भागीदार की देयता कानूनी रूप से सीमित होती है। भारत में, इसने विस्तृत रुप से जनवरी 2009 के बाद आकार लिया और स्टार्टअप और पेशेवर सेवाओं के लिए व्यापार का एक लोकप्रिय रुप बन गया। एलएलपी का मुख्य उद्देश्य व्यापार की एक ऐसी शैली प्रदान करना था जिसमें आसनी हो और मालिकों को सीमित देयता प्रदान करके उनकी मदद की जा सके।
सीमित देयता भागीदारी की निम्नलिखित विशिष्ट विशेषताओं के कारण लोग व्यापर निर्माण के लिए एलएलपी की संरचना को पसंद करते हैं:
सीमित देयता
एलएलपी के भागीदारों की देयता उनके ऋण योगदान तक सीमित होती है। दूसरी ओर, स्वामित्व और साझेदारी कि बात की जाए तो, यदि व्यवसाय दिवालिया हो जाता है, तो निर्देशकों और भागीदारों की व्यक्तिगत संपत्ति की रक्षा नहीं की जाती।
अलग कानूनी इकाई
एलएलपी की अपने भागीदारों से अलग कानूनी इकाई होती है। इसका एक निर्बाध अस्तित्व होता है जो निरंतर उत्तराधिकार का अनुसरण करता है, अर्थात, साझेदार छोड़ सकते हैं, लेकिन व्यवसाय हमेशा बना रहता है। व्यवसाय-प्रतिष्ठान का विघटन करने के लिए विघटन की शर्तों पर परस्पर सहमति होना आवश्यक है।
नम्य समझौता
एलएलपी के तहत स्वामित्व को स्थानांतरित करना भी आसान होता है। किसी व्यक्ति को आसान शर्तों पर नामित भागीदार के रूप में शामिल किया जा सकता है और स्वामित्व दिया जा सकता है।
लघु व्यवसाय के लिए सुविधाजनक
एलएलपी जिनकी पूंजी राशि ₹25 लाख से कम और विक्रय राशि ₹40 लाख प्रति वर्ष से कम है, उन्हें किसी औपचारिक ऑडिट की आवश्यकता नहीं है। इससे छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप का एलएलपी पंजीकरण करना लाभदायक सिद्ध होता है।
एलएलपी के तहत पंजीकरण करने के लिए, निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है:
एलएलपी में पंजीकृत होने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियों की आवश्यकता होती है:
नोट: एक भागीदार का शुरुआती तीन दस्तावेजों को स्व अभिप्रमाणित करना आवश्यक है। विदेशी नागरिकों या एनआरआई के संदर्भ में, सभी दस्तावेजों को नोटरीकृत (यदि वर्तमान में भारत में या एक गैर-राष्ट्रमंडल देश में) या प्रेरित (यदि एक राष्ट्रमंडल देश से हैं) करना आवश्यक है।
आप वकीलसर्च के माध्यम से एलएलपी ऑनलाइन पंजीकृत कर सकते हैं। हम आपके लिए एलएलपी पंजीकरण को सरल बनाने हेतु 3-चरणीय प्रक्रिया प्रस्तुत कर रहें हैं। आपकी जानकारी के लिए वास्तविक पंजीकरण प्रक्रिया विस्तृत रूप से नीचे दी गई है:
चरण 1: DSC और DIN प्राप्त करें
वे सभी फॉर्म जिन्हें ऑनलाइन जमा करना होता है, उनके लिए निर्देशकों के डीएससी की आवश्यकता होती है। इसलिए, इस प्रक्रिया का पहला चरण दो भागीदारों के लिए डीएससी और डीआईएन प्राप्त करना है। इसके लिए हम आपसे आवश्यक जानकारी एकत्र करते हैं और उपरोक्त दस्तावेजों के लिए आवदेन करते हैं।
चरण 2: नाम अनुमोदन के लिए आवेदन
साथ ही साथ, हम ये भी जांचते हैं कि जिस नाम से आप अपना पंजीकरण करना चाहते हैं वह उपलब्ध है या नहीं। और फिर उस नाम को आपके एलएलपी के लिए आरक्षित कर दिया जाता है। आप एमसीए पोर्टल पर जाकर नाम उपलब्धता की जांच कर सकते हैं।
नाम का अनुमोदन पंजीयक द्वारा तभी किया जाएगा जब केंद्र सरकार इसे अवांछनीय न समझे। नाम किसी भी मौजूदा साझेदारी फर्म, एलएलपी, ट्रेडमार्क, या निगमित निकाय के समान नहीं होना चाहिए।
चरण 3: एलएलपी समझौता
तीसरे चरण में पंजीकरण के लिए एलएलपी समझौते और अन्य दस्तावेजों का प्रारूपण तैयार किया जाता है। एक सीमित देयता भागीदारी में एलएलपी समझौता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भागीदारों के बीच और एलएलपी और भागीदारों के बीच आपसी अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। इसलिए, हमारे विशेषज्ञ इस समझौते का प्रारूपण तैयार करने में अत्यधिक सावधानी बरतते हैं।
एमसीए पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 3 फ़ाइल करके एलएलपी को पंजीकृत करने के पश्चात भागीदार एलएलपी समझौते में प्रवेश करते हैं। यह प्रक्रिया निगमन की तारीख से 30 दिनों के अंतर्गत की जाती है।
चरण 4: एलएलपी निगमन प्रमाणपत्र
हमारी टीम पंजीयक के पास जरूरी फॉर्म और दस्तावेज जमा करेगी। पंजीयक द्वारा सभी फॉर्म और दस्तावेजों को मंजूरी देने के पश्चात, आपको अपना एलएलपी निगमन प्रमाणपत्र मिल जाएगा और आप अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए लगभग तैयार हो जाएंगे।
चरण 5: अपने पैन, टैन और बैंक खाते के लिए आवेदन करें
जैसे ही आपको निगमन प्रमाणपत्र मिल जाता है, हमारे द्वारा आपके एलएलपी के लिए पैन, टैन और बैंक खाते के लिए आवेदन कर जाएगा।
निम्नलिखित सुविधाएं वकीलसर्च एलएलपी पंजीकरण पैकेज में शामिल हैं:
हमारे द्वारा निम्लिखित सहायता भी प्रदान की जाती हैं:
Talk To Experts
Calculators
Downloads
By continuing past this page, you agree to our Terms of Service , Cookie Policy , Privacy Policy and Refund Policy © - Uber9 Business Process Services Private Limited. All rights reserved.
Uber9 Business Process Services Private Limited, CIN - U74900TN2014PTC098414, GSTIN - 33AABCU7650C1ZM, Registered Office Address - F-97, Newry Shreya Apartments Anna Nagar East, Chennai, Tamil Nadu 600102, India.
Please note that we are a facilitating platform enabling access to reliable professionals. We are not a law firm and do not provide legal services ourselves. The information on this website is for the purpose of knowledge only and should not be relied upon as legal advice or opinion.