डिफिरेंट टाइप्स के रिटर्न फॉर्म
आयकर रिटर्न (ITR) एक ऐसा फॉर्म है जिसमें टैक्सपेयर अपनी इन्कम से रिलेटेड इन्फार्मेशन और इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए सूटेबल टैक्स को रजिस्टर करते हैं। IT डिपार्टमेन्ट ने 7 अलग-अलग फॉर्म की डिक्लेयर की है | ITR 1, ITR 2, ITR 3, ITR 4, ITR 5, ITR 6 और ITR 7.एवरी टैक्सपेयर को रेट डेट से पहले या उससे पहले अपने आईटीआर को रजिस्ट्रेशन या एंटर करना चाहिए। आईटीआर की अप्लीकेबिलिटी टैक्सपेयर्स की अर्निंग के सोर्स के बेसिस पर चेंज होती है। आगे रिसिव्ड इन्कम का वेलयु और वह केटेगरी जिस पर टैक्सपेयर लागू होता है जैसे HUF इंडिविजुएल कंपनी आदि।
इन्कम टैक्स रिटर्न के प्राफ़िट
टैक्स डिडकसन का क्लेम करें
इन्कम टैक्स रिटर्न के सबसे महत्वपूर्ण बेनीफिट में से एक टैक्स डिडकसन की आवश्यकता है। ऐसे कई वे हैं जिनसे आप अपनी टोटल टैक्स रिस्पान्सिबिलिटी या लाएबिलिटि को कम कर सकते हैं। यदि आपने ऐसे टैक्स –सेविंग इन्वेस्ट कंप्लीट कर लिए हैं लेकिन टीडीएस के रूप में अधिक इन्कम टैक्स रिटर्न किए है तो आपको टैक्स रिटर्न एंटर करके उसी के लिए रिफ़ंड की नीड़ हो सकती है।
लोन प्रोसेसिंग
नेशन का सपोर्ट करने के अलावा इन्कम टैक्स एंटर करने के कई इंडिविजुएल प्राफ़िट भी हैं। एक्जांपल के लिए यदि आप होम लोन या पर्सनल लोन जैसे लोन के लिए अप्लीकेशन करना चाहते हैं तो आपको इनकम प्रूफ देने के लिए कहा जाएगा जैसे कि आपका आयकर रिटर्न । ज्यादातर स्टेट्स में एक क्रेडिटर्स आपसे कम से कम तीन वर्षों के लिए आईटीआर प्रजेंट करने की होप करेगा।
नेशन बिल्डिंग (राष्ट्र निर्माण)
टैक्स गवर्नमेंट के लिए बेनीफिट के मेन सोर्स में से एक हैं। बैंक में प्राप्त वेल्थ /मनी का यूज इन्फ्रास्ट्रक्चर और अदर प्रोग्रेस एक्टिविटीज़ के डेवलेप के लिए किया जाता है। गवर्नमेंट कलेक्टेड फंड का पेमेंट सिक्योरिटी, हेल्थ सर्विस, एजुकेशन , बेसिक स्ट्रक्चर और पब्लिक के लिए कई प्लान को स्टार्ट करने के लिए करती है।
हाई वेलयु के इन्वेस्ट
हाई प्राइस जैसे कि प्रापर्टी प्राप्त करना आईटी डिपार्टमेन्ट से रिलेटेड है। जब आप टैक्स का पेमेंट करते हैं और रिकॉर्ड एंटर करते हैं तो इन घटनाओं को आपकी इन्कम के एकार्डिंग रिपोर्ट और कंप्लीट किया जा सकता है।
एड्रेस प्रूफ
इन्कम टैक्स का एक अदर इंपोर्टेन्त प्राफ़िट यह है कि टैक्स रेट डाकुमेंट एड्रेस प्रूफ के रूप में काम करते हैं। कुछ डाकुमेंट जैसे वीजा अप्लीकेशन , लाइसेंस, पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि हैं जिनके लिए आपको एड्रेस प्रूफ प्रजेंट करने की होप है। आईडी कार्ड जैसे रिगूलर सर्टिफिकेट जनरली ऐसे डाकुमेंट के लिए स्किल नहीं होते हैं।
इन्कम टैक्स रिटर्न के लिए रिक्वायर्मेंट
- यदि आपके पास सेलरी इन्कम है तो आपको सेलरी इन्फार्मेशन एंटर करने के लिए आपकी कंपनी द्वारा इश्यू किए गए फॉर्म 16 की आवश्यकता होगी।
- इसके अलावा यदि आपको श्योर सिक्योरिटीज या सेविंग बैंक एकाउंट्स में इन्टरेस्ट प्राप्त हुआ है और टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) कम हो गया है तो आपको टीडीएस डाकुमेंट की रिकवायर होगी। मीन्स इन्टरेस्ट डिटेल एंटर करने के लिए डिडक्टर्स द्वारा फॉर्म 16A डिक्लेयर किया जाता है।
- यदि आप लीज के प्रेमिसेस में रह रहे हैं तो आपको एचआरए के एस्टिमेट के लिए रेंट के वाउचर की रिक्वायर होगी (यदि आप टाइम के अंडर अपनी कंपनी को वही देना भूल गए)।
- इन्टरेस्ट इन्कम की नंबर रेट करने के लिए आपको अपनी फिक्स्ड़ डिपॉजिट रिसीप्ट (एफडीआर) बैंक पासबुक की आवश्यकता होगी।
- यदि आप प्रजेंट ईयर वर्ष के दौरान अर्न किसी भी लॉस को मैंटेन रखना चाहते हैं तो आपको लॉस का शो करने वाली एक रिपोर्ट की आवश्यकता होगी।
- यदि आप पृवियस ईयर की लॉस को मैंटेन रखना चाहते हैं तो आपको लास्ट ईयर की लॉस के बारे में बताते हुए ITR-V की एक कॉपी की आवश्यकता होगी।
- सेक्शन 80D, 80C, 80GG, 80G, जैसे लाइफ और हेल्थ इन्श्युरेंस पेपर, रेंट के वाउचर, चेरिटी पर्ची, ट्यूशन फीस के लिए बिल आदि के अंडर टैक्स –सेविंग के लिए आते है जिसके रिजल्ट डिक्लेयर करने के लिए आपको डाकुमेंट या प्रूफ की नीड़ होगी अगर आपके फॉर्म 16 की इंसपेकसन नहीं की गई थी ।
इन्कम टैक्स रिटर्न के प्रकार क्या हैं?
फालोविंग काइंड के रिटर्न आपको यह पता लगाने में हेल्प करेंगे कि फाइनेंसिएल ईयर में किस प्रकार का इन्कम टैक्स रिटर्न आपसे रिलेटेड है।
ITR-1 या SAHAJ
यह रिटर्न फॉर्म एक रेजीडेंट इंडिविजुएल के लिए है जिसकी एस्टिमेट ईयर के लिए टोटल इन्कम है|
- होम प्रापर्टी से इन्कम (उन सिचुएशन को छोड़कर जहां लास्ट इयर्स से लॉस को आगे बढ़ाया जाता है)
- आगे पेंशन या सेलरी से इन्कम
- डिफिरेंट सोर्स से इन्कम
- Rs 5000 तक एग्रीकल्चर बेनीफिट ।
ITR 2
ITR 2 एक हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) या किसी व्यक्ति की एज (एवेलुएशन ) के लिए कंप्लीट इन्कम के मैनेजमेंट के लिए है|
- पेंशन या सेलरी से इन्कम
- होम प्रापर्टी से इन्कम
- अदर सोर्स से इन्कम (रेसहॉर्स और लॉटरी से इन्कम से विथ अ विन )।
(ऊपर से टोटल अरनिंग 50 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिए)
- यदि आप किसी बीजिनेस या कंपनी में एक इंडिविजुएल डाएरेक्टर हैं
- यदि आपके पास फाइनेंसिएल इयर्स के ड्यूरिंग किसी भी टाइम सेक्रेट इन्वेस्ट शेयरों में क्वालिटी हैं
- रेजीडेंट नहीं होना, चीफ रेजीडेंट (RNOR) और नॉन -रेजीडेंट होना
- कैपिटल बेनीफिट या फारेन प्रापर्टी या फारेन इन्कम से इन्कम
- 5,000 रुपये से अधिक एग्रीकल्चर बेनीफिट
ITR 3
प्रजेंट ITR3 फॉर्म का मैनेजमेंट एक ऐसे इंडिविजुएल या हिंदू अन –डिवाइडेड फेमिली द्वारा किया जाना चाहिए | जो किसी स्टेब्लिस बीजिनेस से इन्कम का ओनर है या बीजिनेस कर रहा है। फालोविंग सोर्स से इन्कम रखने वाले इंडिविजुएल ITR 3 एंटर करने के लिए एलीजीबल हैं |
- किसी बीजिनेस या बीजिनेस पर ले जाने वाला
- यदि आप एक बीजिनेस में एक इंडिविजुएल डाएरेक्टर हैं
- यदि आपके पास फाइनेंस ईयर के ड्यूरिंग किसी भी टाइम अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में क्वालिटी हैं
- रिटर्न में होम की प्रापर्टी पेंशन या सेलरी और अदर रिजन्स से इन्कम इंकलूद हो सकती है
- फिल्म में एक इंडिविजुएल के रूप में एक इंडिविजुएल की इन्कम ।
ITR 4 या सुगम ऑर एजिली
प्रजेंट आईटीआर 4 में एचयूएफ इंडिविजुएल और पार्टनरशिप फर्मों (एलएलपी के बेसाइड्स ) का मेंसन है जो एक प्रोफेशन या बीजिनेस से अपनी इन्कम के साथ सिटीजन हैं। इसमें उन लोगों को भी इंकलुड़ किया जाता है जो इन्कम टैक्स एक्ट की आर्टिकल 44ADA, आर्टिकल 44AD और 44AE के एकोर्डिन प्रोबेबल इन्कम प्लान के लिए चुज किए जाते हैं। लेकिन अगर कंपनी का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है तो टैक्स पेयर को आईटीआर -3 रजिस्टर करना होगा।
ITR 5
आईटीआर 5 LLP (लिमिट लाएबिलिटी पार्टनरशिप) फर्मों, बीओआई (बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स), AOP (एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स), आर्टिफिशियल ज्यूरिडिकल पर्सन (AJP), इनसॉल्वेंट की प्रापर्टी, डेड की प्रापर्टी, बिजनेस ट्रस्ट और इन्वेस्ट कैपिटल के लिए है।
ITR 6
आर्टिकल 11 के अंडर कन्सेशन का क्लेम करने वाली इंस्टीट्यूट के बिसाइड्स अदर कंपनियों के लिए (चेरिटेबल या स्पृचुएल या रिलीजियस परपजेज़ के लिए रखी गई प्रापर्टी से इन्कम) इस रिटर्न को इलेक्ट्रॉनिक रूप से एंटर करना होगा।
ITR 7
कंपनियों इंक्लूडेड इंडिविजुएल के लिए जिन्हें आर्टिकल 139 (4 ए), आर्टिकल 139 (4 डी), आर्टिकल 139 (4 एफ), आर्टिकल 139 (4 बी), आर्टिकल 139 (4 सी), या आर्टिकल 139 (4 ई) के अंडर अपने रिटर्न को प्रजेंट करना होगा।
- आर्टिकल 139 (4 ए) के अंडर रिटर्न प्रत्येक इंडिविजुएल द्वारा ओन्ली रिलीजियस ऐम के लिए एक ट्रस्ट या अदर लीगल लाएबिलिटीज़ के अंडर रखी गई प्रापर्टी से रिसिव इन्कम की लिस्ट में लिस्टेड होने की होप है।
- आर्टिकल 139 (4 बी) के अंडर रिटर्न एक पोलिटिकल बॉडी द्वारा रजिस्टर्ड होने की होप है अगर आर्टिकल 139 एए की नीड़ को अफेक्टिड किए बिना टोटल इन्कम मैक्सिमम प्राइस से गुजरती है इन्कम टैक्स के लिए रिस्पांसिबल नहीं है।
- आर्टिकल 139 (4 सी) के अंडर रिटर्न इच रजिस्टर्ड होने की होप है ।
- A - न्यूज एजेंसी
- B - साइंटिफिक रिसर्च असोसिएशन
- C - आर्टिकल 10 (23 बी) में स्पेसिफाइड एसोसिएशन
- D - फंड या यूनिवर्सिटी या इन्स्टीट्यूट या अदर एजुकेशनल इन्स्टीट्यूट या कोई हॉस्पिटल या अदर मेडिकल इन्स्टीट्यूट ।
- E - आर्टिकल 10 (23 ए) में स्पेसिफाइड एसोसिएशन या इन्स्टीट्यूट
- आर्टिकल 139 (4 डी) के अंडर रिटर्न प्रत्येक अकादमी, यूनिवर्सिटी या अन्य इंस्टीट्यूट या कॉलेज द्वारा रजिस्टर होने की होप है जो इस सेकसन की किसी अदर नीड़ के अंडर इन्कम या लॉस की रिटर्न प्रोवाइड करने की होप नहीं है।
- आर्टिकल 139 (4 ई) के अंडर रिटर्न एवरी बीजिनेस ट्रस्ट द्वारा रजिस्टर होना चाहिए जो इस सबडिविजन के किसी अदर प्रोविज़न केअंडर इन्कम या लॉस की रिटर्न प्रोवाइड करने की होप नहीं है।
- आर्टिकल १३५ (४ F) के अंडर रिटर्न आर्टिकल ११५ यूबी में रिलेटेड किसी भी इन्वेस्ट ट्रिजरी द्वारा लिस्टेड होना चाहिए। इस सेकसन के किसी भी अदर कंडीशंस के फालोविंग इन्कम या लॉस की रिटर्न प्रोवाइड करने की होप नहीं है।
इन्कम टैक्स रिटर्न के लिए आवश्यक डाकुमेंट
- फॉर्म -16 - फॉर्म 16 एक टीडीएस सर्टिफिकेट है जो आपकी कंपनी द्वारा आपको दिया गया सेलरी और यदि कोई है तो उस पर डिडक्ट गए टीडीएस का डिटेल प्रजेंट करने के लिए दिया जाता है।
- पोस्ट आफिस और बैंकों के इन्टरेस्ट डाकुमेंट - पोस्ट आफिस के सेविंग एकाउंट , सेविंग बैंक एकाउंट, फिक्स्ड़ डिपॉजिट और रीकरिंग सिक्योरिटीज से अर्न इन्टरेस्ट टैक्स एलीजीबल हैं।
- सेलरी रिसिप्ट - सेलरी के बिसाइड्स बेनीफिट और परक्विजिट्स या अनुलाभ के अपार्ट फ्राम सेलरीड टैक्सपेयर्स को ट्रांसपोर्ट अलोवेंस , हाउस रेंट फेयर अलोवेंस आदि जैसे अलोवेंस के बारे में इन्फार्मेशन देने की होप है जो टैक्स एलीजीबल हैं।
- फॉर्म 26AS - फॉर्म 26AS आपकी इंटेग्रेटेड एनुअल टैक्स डिक्लेयर है। यह आपकी टैक्स पासबुक की तरह है जिसमें आपके पैन के अगेन्स्ट लगाए गए सभी टैक्सेस का डेटा है।
- फॉर्म 16 ए / फॉर्म 16 सी / फॉर्म -16 बी - अगर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) टैक्स के रूप में दिए गए रिटर्न पर लगाया गया है जैसे कि आवर्ती जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि से अर्न इन्टरेस्ट के बिसाइड्स, प्रजेंट टैक्स रुल्स के एकार्डिंग वास्टलि ऐम पर आपका बैंक आपको टीडीएस कीनंबर में डिडक्ट की फेसिलिटीज़ के साथ प्रजेंट करने वाला फॉर्म 16A प्रोवाइड करेगा।
FAQs on आयकर रिटर्न फॉर्म के प्रकार
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