एलएलपी के प्राथमिक लाभों में से कुछ कम पंजीकरण लागत, न्यूनतम पूंजी आवश्यकता और व्यवसाय के मालिकों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
2 डी.एस.सी.
एलएलपी समझौता, टैन और पैन
नाम आरक्षण
भारत में कंपनी रजिस्टर कराने के कई तरीके हैं, जिसमें से एक लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) है। जी हां, एलएलपी के तहत आप अपनी कंपनी को रजिस्टर करा सकते हैं। पेशेवर सेवाओं, फर्मों जैसे वित्तीय सलाहकारों और विज्ञापन एजेंसियों के लिए एकदम सही संरचना, सीमित देयता भागीदारी पंजीकरण के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करें।
भारत में सीमित देयता भागीदारी यानि एलएलपी ने जनवरी 2009 के बाद आकार लिया, जिससे यह स्टार्टअप और पेशेवर सेवाओं के साथ एक त्वरित सफलता बनकर उभरी। सीमित देयता भागीदारी पंजीकरण, एलएलपी अधिनियम 2008 द्वारा शासित एक सीमित देयता कंपनी के साथ साझेदारी के लाभ को जोड़ती है।
बता दें कि LLP व्यवसाय का एक ऐसा रूप प्रदान करने के लिए पेश किया गया है, जो सीमित देयता के साथ प्रदान करने के साथ मालिकों की मदद करना है। भारत में सीमित देयता भागीदारी पंजीकरण के लिए, वकिलसर्च सबसे सस्ती और स्थिर सेवा प्रदाताओं में से एक है।
अपने व्यवसाय का रुप निर्धारित करने के बाद निजी सीमित कंपनी पंजीकरण और एलएलपी के बीच चयन करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही निजी सीमित कंपनी और एलएलपी के बीच अंतर और उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभ को समझते हुए यह चयन करना चाहिए कि आपके लिए क्या बेहतर है। बता दें कि एलएलपी के रूप में पंजीकरण करने का सबसे महत्वपूर्ण कारण सीमित देयता है। इतना ही नहीं, यह प्रोप्राइटरशिप और पार्टनरशिप से पूरी तरह से अलग है, जिसमें व्यवसाय के दिवालिया होने पर निदेशकों और भागीदारों की व्यक्तिगत संपत्ति की रक्षा नहीं की जाती है।
कानूनी पहचान
लचीला समझौता
एलएलपी के स्वामित्व को स्थानांतरित करना भी सरल है, लेकिन इसके लिए एक लचीला समझौता करा पड़ता है, जिसके बाद ही यह संभव है।
छोटे व्यवसाय के लिए उचित
कोई मालिक या प्रबंधन नहीं
बताते चलें कि एलएलपी भागीदार हैं, जो व्यवसाय के मालिक हैं और प्रबंधन करते हैं। यह एक निजी लिमिटेड कंपनी से अलग है, जिसके निदेशक शेयरधारकों से अलग हो सकते हैं, जिसकी वजह से कुलपति एलएलपी संरचना में निवेश नहीं करते हैं।
वकील सर्च एलएलपी रजिस्टर कराने की प्रक्रिया बिना किसी परेशानी से कराता है-
चरण 1: DSC और DIN प्राप्त करना
एलएलपी रजिस्टर कराने के लिए पहला कदम सीमित देयता भागीदारी के वांछित भागीदारों का डीएससी प्राप्त करना है। दरअसल, सभी प्रपत्रों को ऑनलाइन जमा करने और निदेशकों के डिजिटल हस्ताक्षर की आवश्यकता है। हालांकि, सभी निदेशक डीआईएन नंबर के लिए फाइल करें। आवेदन फॉर्म DIR- 3 में किया जाना है, जोकि कानूनी रुप से भी अनिवार्य है।
चरण 2: नाम के लिए आवेदन
एलएलपी रजिस्टर का दूसरा चरण है नाम का आवेदन करना। इसके लिए आपको यह तय करना होगा कि जो नाम आप ले रहे हैं, वह किसी और ने पहले न लिया हो। बता दें कि आप एमसीए पोर्टल पर मुफ्त खोज सुविधा के तहत नाम की जांच कर सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि रजिस्ट्रार केवल एलएलपी नामों को मंजूरी देता है, जो पहले नहीं लिए गए हैं।
चरण 3: एलएलपी समझौता
एलएलपी समझौता एक सीमित देयता भागीदारी में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भागीदारों के बीच और एलएलपी और भागीदारों के बीच अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। इतना ही नहीं, साझेदार LLA पंजीकरण पर LLP समझौते में MCA पोर्टल पर फॉर्म 3 ऑनलाइन दर्ज करके प्रवेश करते हैं और इस प्रक्रिया को स्थापना की तारीख के 30 दिनों के भीतर ही किया जाता है।
चरण 4: एलएलपी प्रोत्साहन प्रमाणपत्र
एक बार जब रजिस्ट्रार आपके एमओए और एओए को मंजूरी दे देता है, तो आप अपना एलएलपी रजिस्टर से सिर्फ एक कदम दूर रहते हैं। ऐसे में आपका अगला कदम एलएलपी प्रोत्साहन प्रमाण पत्र प्राप्त करना है, जिसके लिए आप रजिस्ट्रार को आवश्यक दस्तावेज़ जमा करा सकते हैं। बता दें कि इसकी समय सीमा 2- 12 दिनों के बीच है।
चरण 5: पैन, टैन और बैंक खाता के लिए आवेदन
जैसे ही प्रोत्साहन प्रमाण पत्र प्राप्त होता है, वैसे ही आपको अपनी कंपनी PAN & TAN के लिए NSDL के साथ आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया की लागत 200 रुपये से कम है और इसे पूरा होने में लगभग तीन सप्ताह लगते हैं।
भागीदारों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाले दस्तावेज़-
पंजीकृत कार्यालय के लिए-
किसी भी व्यवसाय के लिए एलएलपी के पंजीकरण के लिए कुछ शर्तें लागू होती हैं, जिसे पूरा करने के बाद ही इसे रजिस्टर कराया जा सकता है-
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) ने एलएलपी के लिए नामकरण दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसकी वजह से यह आवश्यक है कि आप नियमों का बारीकी से पालन करें। बता दें कि यदि नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो आपका आवेदन समाप्त हो सकता है और फिर प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाएगी।
अद्वितीय घटक
अल्फ़ाबेट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड में अल्फ़ाबेटा एक अद्वितीय घटक है, जिसको एक बार लिया जाने के बाद इंटरनेट से संबंधित श्रेणियों में किसी अन्य व्यवसाय को नाम नहीं दिया जाएगा। मतलब साफ है कि यह मौलिक ही रहेगा।
ब्लैकलिस्ट
बता दें कि संकेताक्षर, विशेषण और जेनेरिक शब्द खारिज कर दिए जाते हैं, इसीलिए XYZ खारिज कर दिया जाएगा और ब्लैकलिस्ट हो जाएगा। इतना ही नहीं, यदि बैंक, विनिमय और स्टॉक एक्सचेंज, जब तक कि RBI या SEBI द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है, तो भी इसे खारिज किया जा सकता है।
कोई वस्तु नहीं
आईपी इंडिया वेबसाइट पर एक ही नाम से पंजीकृत ट्रेडमार्क नहीं होना चाहिए, वरना आपका आवेदन खारिज हो सकता है। मतलब साफ है कि यदि कोई नाम पहले से ही है, तो उसका उपयोग करने के लिए आपको उस मालिक की अनुमति चाहिए, तभी यह संभव है।
यदि आप एलएलपी रजिस्टर कराने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आपका नाम उपलब्ध है या नहीं, इसके लिए आप वकील सर्च का उपयोग कर सकते हैं। वकील सर्च बिना किसी परेशानी के नाम खोजने में आपकी मदद करता है, जिससे आपका यह काम आसानी से हो जाता है। बता दें कि सरकार ने नाम को लेकर कड़े नियम बनाए हैं, जिसकी वजह से कई बार परेशानी होती है।
एलएलपी रजिस्टर कराने के लिए वकील सर्च एक नई प्रक्रिया है, जिसकी मदद से आप यह काम आसानी से कर सकते हैं। दरअसल, हमने पिछले कई सालों से वित्तीय सलाहकारों, विज्ञापन एजेंसियों और कई व्यवसायों को एलएलपी पंजीकृत कराने में मदद की है। चैन्नई से बैंगलोर तक मुंबई और अधिक से अधिक क्षेत्रों में हमारी सुविधाएँ उपल्बध हैं।
बताते चलें कि वकील सर्च के साथ भारत में एलएलपी पंजीकरण कराना बहुत ही ज्यादा आसान हो गया है, क्योंकि हम सारी प्रक्रियाओं को काफी सरल बनाते हैं और जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करते हैं। साथ ही आपको बता दें कि जब आप एलएलपी को पंजीकृत करने के लिए हमें अपना भागीदार चुनते हैं, तो आपको काफी ज्यादा आसानी हो जाती है।
उपरोक्त सुविधाओं के अलावा हम आपको सहायता भी प्रदान करते हैं-